भारतीय हथियारों को रोकने की कोशिश,अगर आप किसी एक देश के भक्त बनकर बैठ गए हैं चाहे वह रूस हो, तो आज आपको आंखें खोलने की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि यह खबर आपको बता देगी कि कैसे देश अपने हितों के लिए अपने फायदे के लिए अपने फ्रेंडली कंट्रीज की यानी कि दोस्त देशों को भी चोट पहुंचाने से पीछे नहीं हटते क्या है खबर खुद अपनी स्क्रीन पर देख लीजिए |
रिपोर्ट निकलकर सामने आई है कि ईरान ने भारतीय हथियारों का रास्ता रोका है और यह सब कुछ हुआ है रूस के कहने पर यह बात मैं नहीं कह रहा हूं यह बात कही है आर्मेनिया की एक सांसद ने जो कि सरकार से जुड़ी हुई है और यहां पर किन हथियारों को रोकने की बात हुई है दरअसल यह भारत के एटी एजीएस है यानी कि एडवांस टाउड टिलरी गन सिस्टम दरअसल यह भारत का स्वदेशी यानी कि हमारे द्वारा खुद का बनाया गया एक प्रकार का हविजर है यानी कि एक तोप है|
और यह जो तोपे हैं ये आर्मेनिया ने हमसे खरीदी थी अब से कुछ महीने पहले उन्हीं हथियारों को यानी कि इन्हीं तोपों को हम ईरान के जरिए आर्मेनिया तक पहुंचा रहे थे ईरान के जरिए क्यों क्योंकि आर्मेनिया एक ऐसा देश है जो कि एक लैंड लॉक कंट्री है यानी कि चारों तरफ जमीन से घिरा हुआ है समुद्र का रास्ता इनके पास नहीं है और उससे भी ज्यादा परेशानी की बात यह है कि इस देश के दो तरफ इनके दुश्मन देश हैं एक तरफ है तुर्की दूसरी तरफ है अजरबैजान और यह दोनों देश आर्मेनिया के लिए वैसे ही हैं जैसे कि हमारे लिए चीन और पाकिस्तान|
ये दोनों देश मिल मिलकर इस छोटे से देश आर्मेनिया को खत्म करना चाहते हैं और पिछले 3 साल में दो युद्ध भी हो चुके हैं आर्मेनिया के साथ इन दोनों देशों के और इन दो युद्धों के दौरान आर्मेनिया की सेना में मौजूद सैकड़ों की संख्या में जो तोपे थी वह नष्ट हो चुकी थी इसीलिए आर्मेनिया इन तोपों को रिप्लेस करना चाहता था जल्द से जल्द क्योंकि युद्ध की संभावना अब भी बनी हुई है|
अजरबैजान और तुर्की मिलकर कभी भी आर्मेनिया पर अटैक कर सकते हैं इसीलिए आर्मेनिया यह चाहता था कि जल्द से जल्द नई तोप खरीदी जाए लेकिन यह लोग रूस की मदद नहीं लेना चाहते थे ना ही रूस से किसी प्रकार का हथियार खरीदना चाहते थे वो इसलिए क्योंकि रूस इनके लिए बड़ा ही धोखेबाज साबित हुआ है
वो इसलिए क्योंकि दोनों ही युद्ध के दौरान पिछले ती सालों में रूस ने बारबार कसम खाई थी कि हम आर्मेनिया की मदद को सामने आएंगे यहां तक कि लिखित में इन्होंने ट्रीटी साइन कर रखी है आर्मेनिया के साथ कि अगर किसी ने आप पर अटैक किया तो वह अटैक रूस पर माना जाएगा और रूस आपके साथ युद्ध के मैदान में उतरेगा|
लेकिन रूस ने क्या किया दोनों ही युद्ध में आर्मेनिया को धोखा दिया और आर्मेनिया का साथ देना तो छोड़िए इनके दुश्मनों के साथ यानी कि तुर्की और अजरबैजान के साथ जा मिला इस धोखेबाजी का परिणाम यह हुआ कि इन दोनों युद्धों में पिछले 3साल के दौरान कई किलोमीटर की इनकी जो जमीनें थी वो अजरबैजान ने छीन ली थी और अभी और जमीने छीनना चाहते हैं इसीलिए ये जो रूस के हथियार थे खास कर के रूस की तोपे ये नहीं खरीदना चाहते थे|
और इसीलिए इन्होंने भारत की शरण ली और भारत ने भी इनकी मदद करने की ठानी क्योंकि इनका दुश्मन तुर्की है और भारत का भी तो इसीलिए भारत ने इन्हें दोस्त बनाया और एटी एजीएस यानी कि ये नई अपनी स्वदेशी निर्मित हो विजर तोपे आर्मेनिया को बेचनी शुरू कर दी|
लेकिन सवाल था कि आर्मेनिया तक ये तोपे पहुंचाई कैसे जाए क्योंकि आर्मेनिया तो चारों तरफ दुश्मनों से घिरा है इसीलिए मदद ली गई ईरान की क्योंकि ईरान के साथ इनकी सीमा लगती है और ईरान के साथ इनके संबंध भी ठीक है इसलिए भारत ने ईरान के जरिए यह तोपे पहुंचा शुरू कर दी आर्मेनिया को अब पिछले कुछ महीनों में सब कुछ ठीक चल रहा था
लेकिन अब रिपोर्ट निकलकर सामने यह आई है आर्मेनिया से कि इन एटी एजीएस की जो सप्लाई है उसमें अब ईरान अड़ंगा लगा रहा है उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है और यह सब कुछ किया जा रहा है रूस के कहने पर जैसा कि आप स्क्रीन पर आर्टिकल देख भी सकते हैं|
आर्टिकल में साफ बताया गया है कि आर्मेनिया की जो एक लॉ मेकर है उसने यह बयान दिया है कि रूस के कहने पर जो ईरान है वह भारतीय हथियारों को आर्मेनिया तक नहीं पहुंचने दे रहा इनकी सप्लाई में अड़ंगा लगा रहा है और यह सब कुछ किया जा रहा है रूस के दबाव में और जैसा कि
आप स्क्रीन पर एक बार फिर से देखिए आर्टिकल इसमें साफ बताया गया है कि आर्मेनिया की सांसद के इस आरोप पर जब ईरान के एक एंबेसडर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया और इस पर कोई भी जवाब नहीं दिया बस यह कह दिया कि हम चाहते हैं कि आर्मेनिया एक ताकतवर देश बने लेकिन जब पूछा गया कि आप सप्लाई में अड़ंगा क्यों लगा रहे हैं तो इस पर उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया|
लेकिन आपका सवाल होगा कि रूस ऐसा क्यों करेगा रूस को इससे क्या फायदा और अगर उसे करना ही होता तो उसने एक साल पहले क्यों नहीं किया क्योंकि भारत तो ये एटी एजीएस जो तोपे हैं ये तो 1साल से सप्लाई कर रहा है आर्मेनिया को फिर अचानक से अड़ंगा क्यों लगाया जा रहा है तो मैं आपको पूरी कहानी सुनाता हूं
देखिए 1साल पहले जब हमने आर्मेनिया को हथियार सप्लाई करने शुरू किए तो उस समय रूस को लगा कि ये थोड़ी बहुत मात्रा में खरीद रहे हैं एंड में तो इन्हें रूस के पास ही आना पड़ेगा खास कर के एडवांस हथियारों के लिए अगर यह भारत से तोपे वगैरह खरीदते हैं तो खरीदने दो 100 200 मिलियन भारत भी कमा लेगा हमें इससे नुकसान नहीं होगा|
लेकिन अब से कुछ महीने पहले आर्मेनिया के प्राइम मिनिस्टर ने यह बयान दिया खुले में कि अब हम रूसी हथियार बिल्कुल नहीं खरीदेंगे और अब हम हथियार सिर्फ और सिर्फ भारत फ्रांस से ही खरीदेंगे इन दोनों देशों से एडवांस हथियार हम लेंगे क्योंकि रूस एक बहुत ही बड़ा धोखेबाज देश है इसने हमारे देश को बार-बार धोखा दिया है यह बयान उन्होंने ऑन रिकॉर्ड दिया है आप चाहे तो जाकर देख सकते हैं
अब इस बयान के ठीक बाद आर्मेनिया ने ऐसा किया भी उन्होंने भारत को और बड़ा ऑर्डर दिया एटी एजीएस स्पों का साथ ही भारत से पिना का रॉकेट भी खरीद लिया और अब रिपोर्ट आ रही है कि आर्मेनिया भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला है यानी कि ये भारत से कुछ 100 मिलियन के नहीं बहुत सारे बिलियन डॉलर के हथियार खरीदने वाले हैं और खरीद रहे हैं
और भारत भी खुले दिल से इन्हें हथियार बेच रहा है यहां तक कि रिपोर्ट आ रही है कि भारत तो इन्हें लोन पर भी हथियार देने को तैयार है यानी कि हथियार ले लो पैसे तो बाद में हम ले ही लेंगे इसी बात से कहीं ना कहीं रूस को मिर्ची लगी है क्योंकि आर्मेनिया का 100% हथियार मार्केट अकेला रूस खा जाता था लेकिन पिछले डेढ़ सालों में भारत ने रूस का सफाया कर दिया है आर्मेनिया से अरबों डॉलर के हथियार बेचकर भारत मोटा मुनाफा कमा रहा है
और भविष्य में भारत आर्मेनिया को और बड़े और खतरनाक हथियार देगा क्योंकि हमें पैसा तो मिलेगा ही मोटा क्योंकि आर्मेनिया ठीक-ठाक अमीर देश है कोई गरीब देश नहीं है
दूसरी बड़ी बात आर्मेनिया को हथियार देकर हम काउंटर करेंगे अपने दुश्मनों को खास कर कि तुर्की जो आज की तारीख में पाकिस्तान और चीन के बाद हमारा तीसरे नंबर का दुश्मन है हम उसे भी टारगेट करेंगे यानी कि भारत के लिए आर्मेनिया के साथ हथियार की डील करना मतलब आम के आम गुठलियों के दाम|
इसीलिए लगता है कि रूस अब भारत की हथियार सप्लाई इनडायरेक्टली रुकवा करर भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा नहीं दरअसल भारत के पास एक अल्टरनेटिव रूट है जॉर्जिया का स्क्रीन पर आप देखिए जो नीचे रेड कलर की लाइन मैंने बनाई है यह है ईरान का रास्ता यानी कि ईरान से आर्मेनिया जाने का यह रास्ता है लेकिन ठीक ऊपर मैंने एक ब्लू कलर की लाइन बनाई है ये है जॉर्जिया वाला रास्ता यानी कि आप जॉर्जिया के जरिए आसानी से आर्मेनिया तक पहुंच सकते हैं
यानी कि भारत के पास अल्टरनेटिव रूट मौजूद है और भारत इसका इस्तेमाल बड़ी आसानी से कर सकता है क्योंकि जॉर्जिया बहुत ही ज्यादा एंटी रशिया देश है बड़ी आसानी से भारत जॉर्जिया का इस्तेमाल करके अपने हथियार पहुंचा देगा आर्मेनिया तक हमें कोई भी इशू नहीं आने वाला हालांकि देखने वाली बात यह है कि रूस अपने इन आरोपों पर क्या बयान देता है
Jai Hind!